North Facing House Vastu

उत्तरमुखी घर के लिए वास्तु

यह एक प्रचलित अवधारणा है की उत्तरमुखी घर शुभ होते है  और इसलिए लोग भी उत्तरमुखी  भूखंड पर ही घर का निर्माण करते है | 

यह अवधारणा कुछ हद तक सही भी है क्युकी  वास्तु के सिद्धांत कुछ इस प्रकार बने है  की  उत्तरमुखी भूखंड पर घर बनाना वास्तु के हिसाब से  आसान हो जाता है  फिर चाये  वह अलग अलग कमरों की स्थिति हो या अंडरग्राउंड वाटर टेंक व् सेप्टिक टेंक हो 

इसके अलावा शुभ पदों में मुख्य द्वार का निर्माण करने के लिए भी अन्य दिशा ओ की तुलना में स्थान उपलब्ध होता है जहा अन्य दिशाओ में २ -२ पदों को मुख्य द्वार के निर्माण के लिए शुभ माना जाता है वही उतर दिशा में ऐसे शुभ पदों की संख्या तीन होती है यही कारणों के चलते अक्क्सर ऐसा देखा जाता है की उत्तर मुखी घरो में वास्तु दोष बढ़ी मात्रा में देखने को नहीं मिलते है | इसलिए यैसा कहा जाता है की उत्तरमुखी भूखंड पर घर बनाने के लिए अधिक उपयुक्त होते है |

 

उत्तरमुखी घर के लिए वास्तु

परन्तु यह भी सत्य है की अगर उत्तर दिशा की ओर देखता हुहा घर भी अगर वास्तु के नियमो के विरुद्ध बना हो तो वह भी पूर्ण रूप से लाभ नहीं देता है बल्कि कई प्रकार की हानि की सम्भवाना होती है अतः आपका घर उत्तर मुखी हो तो इस बात का ध्यान जरूर रखे वास्तु के नियम के अनुसार ही घर बनाया जाय | 

इस लेख में हम आपको वह सब जानकारी देंगे जो आपको उत्तर मुखी घर बनाने में जरुरी होती है | तो आये जानते है की आपको इस लेख में क्या क्या जानने को मिलेगा 

  १ उत्तरमुखी घर क्या होता है वास्तु शास्त्र के अनुसार 

उत्तरमुखी घर वह होता है जिसके मुख्य द्वार से बहार निकलते वक्त जब आपको उत्तरदिशा नजर आती है उसको उत्तरमुखी घर कहते है | वास्तु शास्त्र के अनुसार वाव्यय (उत्तर -पश्चिम ) के बिच स्थित हो वह उत्तर दिशा कहलाती है वास्तु कम्पास में उत्तर दिशा ३३७ .५  से २२.५  के बिच में होती है | 

उत्तर दिशा का स्वामी ग्रह - बुध 

उत्तर दिशा का दिक्पाल भल्लाट और सोम 

बुध के अतिरिक्त चद्रमा और बृहस्पति भी इस दिशा में अपना प्रभाव डालता है बुध ग्रह जहाँ बुद्धिमता वाक्शक्ति आदि  का प्रतिक है वही बृहस्पति  ज्ञान धन और भाग्य का कारक  है इसके अलावा चन्द्रमा मन ,गृह सुख माँ वाहन आदि पहलुओं पर अपना प्रभाव डालता है इन तीनो ग्रहो के समलित प्रभाव से उत्तर दिशा से प्राप्त होने वाले शुभ प्रभाव में  अधिक वृद्धि होती है 

२ उत्तरमुखी घर का प्रभाव 

उत्तरमुखी भवनों में निवेश करने वाले लोग अपने पद आवर आत्मसमान के प्रति आधिक् सवेंदनशील होते है  कानून के विरुद्ध इन्हे पसंद नहीं होता है अगर उत्तरमुखी  घर उचित रूप से निर्मित हो तो यहां के निवासियों को सुख समृद्धि ,धन और अच्छे स्वास्ध्य का लाभ होता है | उत्तरमुखी घर के शुभाशुभ प्रभाव  विशेष रूप से महिलाओ पर होता है 

३ उत्तरमुखी घर में मुख्य द्वार का स्थान कहा  हो 

मुख्य द्वार के  उचित स्थान की स्थिति घर के निर्माण के वक्त बेहद सावधानी से निर्धारित करनी चाहिए  क्युकि किसी भी भखंड को ३२ बराबर भागो में या पदो में विभाजित किया जाता है हर दिशा (उत्तर ,पूर्व ,पश्चिम ,दक्षिण )में ८ भाग होते है मुख्य द्वार का निर्माण इन्ही ३२ पदों में से किसी एक या अधिक पदों के अंदर होता है | 

उत्तरमुखी घर में मुख्य द्वार का स्थान कहा  हो

इनमे से कुछ पद मुख्य द्वार के निर्माण के लिए शुभ होते है और कुछ अशुभ | 

क्युकी उत्तरमुखी भूखंड सर्वश्रैष्ठ भखंडो में से एक होता है अतः सबसे अधिक शुभ पद उत्तर दिशा में ही होते है | उत्तर दिशा के ८ पद होते है उसमे से सबसे फलदायी ओर शुभ पद ३ ,४, और ५ वा होता है   जिन्हे क्रमशः मुख्य:भल्लाट और सोम के नाम से जाना जाता है | 

इन पदों या इनमे से किसी एक पद पर मुख्य द्वार का निर्माण आर्थिक सम्पनता प्रदान करता है और प्रगति के लिए नए अवसर उपलब्ध करता है | इनमे से तीसरा पद [मुख्य ]व् चौथा पद [भल्लाट ] विशेष रूप से बहुत अच्छे माने जाते है इन पदों में मुख्य द्वार का निर्माण करना उस घर में निवेश करने वाले लोगो को धन में वृद्धि  और सफलता प्राप्त होती है अगर स्थान की कमी के कारन इन दोनों पदों में मुख्य द्वार का निर्माण संभव न हो तो इसका विस्तार ५ वे पद की और किया जा सकता है 

घर की दिशा का पता लगाना 

आपके घर की दिशा का पता लगाने का एक सादारण सा तरीका है  जिस सड़क से आप घर में प्रवेश करते है अगर वह घर उत्तर दिशा में हो तो आपका घर उत्तरमुखी कहलाता है |  क्युकी यह तरीका आपके घर की दिशा का मोटे तोर पर ही अनुमान लगा पाता है अगर आपको बिलकुल सटीकता से अपने घर की दिशा ज्ञात करनी हो तो उसके लिए आपको वास्तु कम्पास की सहयता लेनी होगी | 

४ उत्तर मुखी घर के लिए वास्तु प्लान 

दिशाओ के अनुसार खली स्थान की वयवस्था -

किसी भी घर में इस बात का ध्यान रखना चाईए की उत्तर दिशा दक्षिण दिशा की अपेझा अधिक खाली हो उत्तर का यह खुला  स्थान घर में धन की वृद्धि प्रदान करता है | 

घर का ढलान -

घर का ढलान वास्तु के अनुसार होना चाईए क्युकी इसका प्रभाव घर के सदस्यों के स्वास्थ्य पर भी पड़ता है  | वास्तु शास्त्र के अनुसार घर का ढलान उत्तर व् उत्तर-पूर्व [ईशान ]की और होना चाईए | इससे घर की स्त्रियों के स्वास्त्य में लाभ मिलता है और साथ ही घर में सुख सन्तोष  वातावरण भी बना रहता है 

दिशाओ के अनुसार दीवारों की ऊचाई व् चौड़ाई -

जिस प्रकार से घर की ढलान व् खाली स्थान के दिशाओ का ध्यान रखा जाना चाईए  ठीक उसी तरह घर की चार दीवारी की ऊचाई व् चढ़ाई भी वास्तु के हिसाब से बनी हो तो यह लाभदायक होती है | उचाई व् चौड़ाई में उत्तर दिशा की दीवारों को सदैव पश्चिम व् दक्षिण की अपेक्षा कम रखे यानि की उत्तर दिशा की दीवारे दक्षिण व् पश्चिम की तुलना में अधिक हलकी होनी चाईए | 

किचन[kichan ] निर्माण के लिए शुभ स्थान -

वास्तु के सिद्धांत यह बताते है की अगर किचन का निर्माण अग्नये (दक्षिण -पूर्व ) में  किया जाए  तो यह  धन प्रवाह के लिहाज  से सकारात्मक रहता है तो वही (उत्तर -पश्चिम )दिशा भी रसोई बनाने के लिए उपयुक्त मानी जाती है कुछ अन्य स्थान पर भी किचन बनाए जा सकती है जिसके लिए आपको पहले वास्तु विशेषज्ञ से सलाह लेना चाईए 

उत्तर मुखी घर में पूजा कक्ष [pooja space ]

ईशान कोण [उत्तर -पूर्व ]एक पवित्र दिशा मानी जाती है अंत परम्परागत रूप से इसे पूजा कक्ष के निर्माण के लिए रखना चाहिए हलाकि पूजा कक्ष के लिए इससे अधिक बेहतर स्थान पूर्वी ईशान [पूर्व -उत्तर-पूर्व ]को माना जाता  है| 

उत्तर मुखी घर में अतिथि कक्ष guest room  कहा पर हो

अतिथि कक्ष यानि की बैठक रूम का वास्तु अन्य कमरों के सामान बहुत अधिक महत्व नहीं रखता है परन्तु इसके लिए भी कुछ वास्तु जोन्स है जहा पर इसका निर्माण किया जा सकता है जैसे की वायव्य [उत्तर-पश्चिम ] अथिति कक्ष बनाने के लिए अच्छी जगह होती है ईशान [उत्तर-पूर्व में भी इसे बनाया जा सकता है |   

उत्तर मुखी घर में मास्टर बैडरूम [Master Bedroom]

घर के मुखिया का बैडरूम याने की मास्टर बेडरूम नेर्त्यत (दक्षिण -पश्चिम ) में बनाना चाहिए क्युकी  नेर्त्यत दिशा का प्रमुख तत्त्व पृथ्वी तत्व है अतः इस स्थान पर बना बैडरूम घर के मुखिया को स्थाईत्व के साथ साथ प्रबलता के गुण भी प्रदान करता है पश्चिम दिशा में बच्चो के बैडरूम बनाया जा सकता है | 

उत्तर मुखी घर में अंडरग्राउंड  वाटरटेंक [Undergrounds water tank]

अगर अंडर ग्राउंड वाटर टैंक का निर्माण गलत स्थान पर कर दिया जाय तो वास्तु के अनुसार उसके काफी नकारात्मक परिणाम होते है | ऐसे में उत्तर दिशा के प्रमुख लाभों में से एक है यह है की अंडर ग्राऊंड  वाटरटेंक ऐसे घरो में पर्याप्त वास्तु के हिसाब से स्थान मिल जाता है | उत्तरमुखी घर में अंडर ग्राऊंड वाटर टैंक का निर्माण उतरी ईशान ,पूर्वी ईशान या स्वय उत्तर दिशा में भी किया जाता है उत्तर  में बना ुंडेरग्राऊंड वाटर टैंक इस दिशा के शुभ फलो में और भी वृद्धि कर देता है और यह आर्थिक उनती प्रथान  करने वाला होता है | 

[नोट :-ओहरहेड वाटरटेंक ईशान या उत्तर दिशा में नहीं रखा जाना चाहिए ]

५ उत्तर मुखी घर के लिए अशुभ वास्तु 

१ भूखंड की ढलान उत्तर से दक्षिण की और होने पर यह निवासियों के लिए आर्थिक हानि और जीवन में अनावश्क संघर्ष की वजह बन जाता है [विशेष रूप से नेर्त्यत की ढलान ]

उत्तर मुखी घर के लिए अशुभ वास्तु

२ उत्तर दिशा का स्थान कटा होना वास्तु में अशुभ कहलाता है उत्तर दिशा के कटने से इस दिशा के शुभ फल तो प्राप्त होते ही नहीं बल्कि इसके विपरीत ऐसा घर धन की हानि और मानसिक अशांति देता है | 

३ उत्तर में अनुउपयोगी सामान का ढेर ,मिटटी की ढीले की उपस्थिति धन हानि करती है अतः इस प्रकार की परिश्थिति से बच्चे | 

४ घर का मुख्य निर्माण उत्तर दिशा में हो और दक्षिण दिशा खाली हो तो इसके भी नकारात्मक परिणाम मिलते है इससे उत्तर दिशा दक्षिण की अपेक्षा भारी हो जाती है जो की यह वास्तु दोष है | 

५ उत्तर -पूर्व  में स्थित मास्टर बैडरूम घर के मुखिया को कमजोर बनाता है इस दिशा में सोने वाला मुखिया बढ़े निर्णय नहीं ले पाता आवर जीवन में उनंति करने के लिए अधिक संगर्ष करना पड़ता है 

६ उत्तर दिशा सबसे अधिक शुभ नतीजे प्रदान करने वाली होती है इसलिए इस दिशा में अनुउपयोगी सामान कूड़ा कचरा या सेप्टिक टेंक आदि का निर्माण नहीं करना चाईए यह अशुभ और हानिकारक होता है | 

७ ईशान [उत्तर -पूर्व ]दिशा बहुत शवेदन सील और पवित्र मणि जाती है  अतः इस दिशा में टायलेट निर्माण नहीं करना चाईए इससे घर के लोगो का मानसिक स्वास्त्य काफी ख़राब होता है | 

६ उत्तरमुखी घर के फायदे  क्या है 

जैसा की आपको बताया गया है है की उत्तर मुखी घर के अनेक फायदे होते है लेकिन यह कुछ प्रोफेशन से जुड़े लोगो के लिए और भी अधिक लाभकारी होते है हलाकि यह है की प्रत्येक दिशा का सबंध कुछ विशेष व्यवसाय व् काम से  होता है अतः कुछ  व्यवसायी लोग अगर उत्तर मुखी घर में रहते है यह उन्हें अधिक फायदा करता है | क्युकी उत्तर मुखी घर में मिलने वाली ऊर्जा उनके व्यवसाय में तरक्की करने के लिए बिलकुल सही होती है 

यह जिन व्यवसायो या वर्गों के लिए लाभकारी होता है वे इस प्रकार है 

  • एकाउंटेंट्स 
  • टूर्स एंड ट्रेवल्स सर्विसेस 
  • कंसल्टेंसी सर्विसेस 
  • बैंकर्स आदि 

अत में आपको यह बताना जरुरी है की उत्तर मुखी घर में निवेश करने से ही आपको सफलता नहीं मिलेगी बल्कि इसके लिए उस घर का  वास्तु भी वास्तु शास्त्र के नियमो  अनुसार बना होना चाईए 

७ निरंतर पूजे जाने वाले सवाल 

क्या उत्तर मुखी मकान शुभ होता है?

उत्तर मुखी घर की वास्तु के हिसाब से बना हो तो शुभ माना जाता है क्योंकि उत्तर दिशा धन के देवता - कुबेर की दिशा है।

उत्तर मुखी मकान का गेट किधर होना चाहिए?

वास्तु शास्त्र के अनुसार, उत्तर दिशा में मुख्य द्वार और दक्षिण, पश्चिम, दक्षिण-पूर्व, दक्षिण-पश्चिम या उत्तर-पश्चिम दिशा में सीढ़ी बनाकर घर को शुभ बनाया जा सकता है।

मकान का मुंह कौनसी दिशा में नहीं होना चाहिए?

वास्तु के अनुसार मुख्य द्वार की दिशा हमेशा ईशान कोण, उत्तर, पूर्व या पश्चिम की ओर होनी चाहिए, क्योंकि ये दिशाएं शुभ मानी जाती हैं। मुख्य प्रवेश द्वार दक्षिण-पश्चिम, दक्षिण, उत्तर-पश्चिम (उत्तर की ओर) या दक्षिण-पूर्व दिशाओं में नहीं होना चाईए ।

घर में भगवान का मुंह किधर होना चाहिए?

वास्तु शास्त्र के अनुसार पूजा के मंदिर को घर में रखने की सबसे अच्छी दिशा ईशान कोण या उत्‍तर पूर्व दिशा जानी जाती है. अगर आप घर में इस दिशा में मंदिर रखते हैं तो इससे आपकी किस्मत चमकती है आपकी .प्रगति होती है वास्तु शास्त्र में कहा गया है कि मंदिर में भगवान का मुख पश्चिम की ओर और पूजा करने वाले का मुख पूर्व की ओर होना शुभ माना जाता है .

 

८ निष्कर्ष 

उत्तर दिशा घर में मुख्यत धन ,आर्धिक सम्पनता और महिलाओ  से संबधित होता है अतः इस दिशा का घर वास्तु के हिसाब से बना ना  होना या इसमें किसी प्रकार का वास्तु दोष पाया जाना  सर्वप्रथम महिलाओ और धन से सम्बंदित परिणामो को प्रहवित करता है| इसलिए घर की आर्थिक सम्पनता और महिलाओ की सुख समृद्धि के लिए उचित रूप से बना उत्तर मुखी घर बहुत लाभदायक होता है अतः उचित सावधानी के साथ घर को वास्तु समस्त बनाने और वास्तु दोष दूर करने के लिए वास्तु विशेषज्ञ की सलाह जरूर ले 

एक टिप्पणी भेजें

और नया पुराने