laxmi chanchala kyu hai in hindi
लक्ष्मी चंचल क्यों है
यह एक धुर्व सत्य है धन की देवी लक्ष्मी भगवान विष्णु की पत्नी होते हुए भी चंचल है भगवन विष्णु जो की गंभीर व् धैर्यवान है जिनका स्वरूप शाश्वत व् चिर स्थाई है वही उनकी पत्नी लक्ष्मी चंचला है वे कही भी अधिक देर तक नहीं ठहरती यह सत्य है एक बार यही प्रशन नारद जी ने अपने पिता ब्रम्हा जी से किया की लक्ष्मी जी से किया की लक्ष्मी चंचला क्यों तो उत्तर में ब्रम्हा जी ने कहा यदि लक्ष्मी किसी के यहां स्थाई हो जायगी तो वह व्यक्ति डर्टी पर अपने अभिमान में चूर होकर तरह तरह के कुकर्म करेगा प्राणियों को सताएगा युगो से भाते धन के प्रवाह को कोई नहीं रोक सका धन व् ऐश्वर्य के मद में प्राणी यह भूल जाता है की उसके पूर्व जन्म के सत्कर्मो का फल है जो उसे सपन्नता के रूप में प्राप्त हुआ है और वह धन के मद में चूर होकर गलत कार्यो में लग जाता है | laxmi chanchala kyu hai in hindi लक्ष्मी चंचल क्यों है कुछ समय बाद लक्ष्मी उसके पास से चलायमान हो जाती है इसलिए लक्ष्मी जी को चंचला कहा जाता है |
लक्ष्मी माता का प्रिय फुल कौन सा है
सौभाग्य एव धन की देवी लक्ष्मी को पुष्पों में सर्वाधिक पिर्य कमल का पुष्प है यह बात तो उनके किसी भी चित्र को देखने से स्पष्ट हो जाती है कमल को सौभाग्य का प्रतिक मन जाता है | और कमल पर विराजमान देवी लक्ष्मी भी सुभाग्यशाली है अतः उनका सम्बन्ध कमल से होना अनिवार्य प्रतीत होता है लक्ष्मी जी को कमल से उत्पन्न मन जाता है इसलिए उन्हें पद्मजा भी कहते है यह एक सात्विक पुष्प है कीचड़ में उत्पन्न होते हुए भी यह शुद्ध होता है जल में रहते हुए भी पानी की एक बून्द तक इसकी पत्तियों पर नहीं ठहरती कमल से संकेत लिया जाता है की मनुष्य संसार रूपी कीचड़ में रहते हुए भी इसमें डूबे नहीं बल्कि इससे निर्लिप्त होकर ऐसे कार्य करे जो उसे यश प्रदान करते हुए कमल की भांति ऊंचा उठाये रखे शास्त्रों में लक्ष्मी जी के चार वाहन वर्णित है गरुड़ उल्लू ,हाथी और कमल | उल्लू लक्ष्मी का तामसिक वाहन है गरुड़ सात्विक तथा हाथी और कमल राजसी वाहन है इसलिए कमल को एस्वर्य से जोड़ा जाता है व् लक्ष्मी जी भी धन संपदा तथा एस्वर्य की देवी अतः समृद्धि के पर्याय रूप में कमल उन अति पिर्य है
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लक्ष्मी प्राप्ति के लिए कौन से सरल उपाय है
नियमित रूप से घर की प्रथम रोटी गे को व् अंतिम रोटी कुत्ते को दे तो आपके भाग्य का द्वार खुलने से कोई नहीं रोक सकता है
कभी भी किसी को दान दे तो उसे दहलीज से अंदर न आने दे दान घर की दहलीज के अंदर से न करे |
नियमित रूप से प्रत्येक शुक्रवार को श्रीसूक्त या लक्ष्मी सूक्त का पाठ किया जाय तो वहा माँ लक्ष्मी का स्थायी होता है |
प्रातः उठकर सर्वप्रथम गृहलक्ष्मी यदि मुख्य द्वार पर एक लोटा जल डाले तो माँ लक्ष्मी के आने का मार्ग खुल जाते है
आर्थिक सम्पंत्ता के लिए नियमित रूप से पीपल के वृक्ष को जल अवस्य दे |
घर में जितने भी दरवाजे हो उनमे समय समय पर तेल अवस्य डालते रहे उनमे से किसी प्रकार की कोई आवाज नहीं आणि चाहिए
आर्थिक वृद्धि के लिए सदैव शनिवार के दिन गेहू पिसवाएं तथा गेहू में एक मुट्ठी काले चने अवस्यमिला कर पिसवाएं
घर में पूजा करते समय जो घी का दीपक जलाया जाता है उसमे रुई की बत्ती के स्थान पर मौली का दीपक प्रयोग करे क्युकी माँ लक्ष्मी को लाल रंग अधिक पिर्य है |
यदि बुधवार के दिन आपके सामने कोई हिजड़ा आ जय तो उसे अपने सामर्थ्य से कुछ पैसे अवश्य दे चाहे वह स्वय न मांगे
प्रातः काल के समय किसी को भी पैसा उधर न दे अन्यथा पैसे वापस मिलने की सम्भवा नहीं होती है और न हिओ संध्या में पूजा काल के समय पैसे उधार दे
लक्ष्मी जी को स्थाई रूप से रोखने के लिए दीपावली की रात्रि में २१ हकीक अपनी तिजोरी से या जहा धन रखते है वहा से उसारकर अपने घर के मध्य में गाढ़ दे कुछ ही दिनों में घर में आर्धिक स्थिति में विशेष परिवर्तन होगा
आप यदि कहि जा रहे हो और मार्ग में आपको कोई मोर नाचता दिखाई दे तो आप तुरंत उस स्थान की मिटटी उठाकर अपने पास रख ले व् घर आकर उस मिटटी को धुप दिप दिखाकर लाल रेशमी वस्त्र में रखकर अपनी तिजोरी में रख दे |
लक्ष्मी प्राप्ति के लिए कौन सा मंत्र बोलना चाहिए
१ ॐ ऐ. ह्रीं श्रीं क्ली श्रीमहालक्ष्म्यै नमः
२ ॐ चक्षाय कुबेराय वैश्रवणय धनाधिपतये धन धान्य समृद्धि में देहि दापय स्वाहा
लक्ष्मी नाराज क्यों होती है
रात इ देर तक सोना और सुबह देर से उठना यह आलस्य को दर्शाता है इससे माता लक्ष्मी नाराज होती है
घर में गन्दगी और अव्यवस्था लक्ष्मी जी को घर से भगाती है
घर की स्त्री को अपशब्द बोलना और घर में झगड़ा करना कलह कलेश करना लक्ष्मी जी को पसंद नहीं है
घर में आये हुहे मेहमान का अपमान करने से भी लक्ष्मीजी नाराज हो जाती है
घर में टूटे फूटे बर्तन भी रखना नकरात्मकता का संकेत है