diwali par kiye jane wale totke दीपावली पर लक्ष्मी जी को प्रसन्न करने के क्या उपाय हैं
१ नौकरी चाहने रखने वाले जातक को दीपावली की शाम पीलीचने की दाल लक्ष्मी जी छिड़क देनी चाहिए उन छिड़के दानो को परिवार का कोई सदस्य न उठाए श्री महालक्ष्मी पूजन के कुछ देर बाद जातक स्वय उनको एकत्रित कर बहार पीपल के वृक्ष के निचे डाल आये diwali par kiye jane wale totke दीपावली की रात्रि में निवास के प्रत्येक कक्ष व् मुख्य द्वार पर गेहू की ढेरी बनाकर उसके ऊपर घी का दीपक प्रज्ज्वलित करना चाहिए जो रत भर जले इस उपाय से माँ लक्ष्मी का प्रवेश होता है यह उपाय बेरोजगारों को अवस्य करना चाहिए क्युकी यह उपाय रोजगार के मार्ग खोलता है |
३ यदि आपके आर्थिक कार्यो में अधिक बधाये आती है तो आप धनतेरस से दीपावली तक लगातार तीन दिन संध्याकाल में श्री गणेश स्त्रोत का पाठ करे पाठ के बाद गाय को कोई हरी सब्जी अथवा घास खिलाये |
४ धनतेरस के दिन कुछ चांदी व् सोने के वर्क तथा सात श्रीफल खरीद कर घर के मंदिर में रखे दीपावली के रात्रि में पूजन के समय लाल वस्त्र पर रखे पूजन के बाद कमलगट्ठे की माला से श्री का तीन माला जप करे मंत्र जप के बाद सातो श्रीफल को उसी लाल वस्त्र में बांधकर धन रखने के स्थान पर रख दे |
५ दीपावली के दिन प्रातः काल तुलसी के पीटीओ की माला बनाकर श्री महालक्ष्मी के चरणों में अर्पित करे धन लाभ होगा |
६ दीपावली के पूजन से पहले आप किसी भी गरीब सुहागिन स्त्री को अपनी पत्नी के द्वारा सुहाग सामग्री अवश्य दिलवाये सामग्री में इत्र होना अवश्य चाहिए |
७ दीपावली के दिन से लगातार ५१ दिनों तक एक रुपया किसी भी मंदिर में माँ लक्ष्मी के नाम से अर्पित करे तथा
माँ लक्ष्मी से सम्पनता के लिए प्रार्थना करे अवश्य धन लाभ होगा |
८ छोटी दीपावली की सुबह गजराज (हाथी ) को गन्ने या मीठी वास्तु अपने हाथ से खिलाये तो आर्थिक ल ; लाभ होगा |
९ दीपावली की शाम को काली उड़द के दो साबुत पापड़ लेकर उस पर थोड़ा दही और सिंदूर डाल दे ततपश्चात पीपल के पेड़ के निचे रख दे | ऐसा लगातार साथ दिनों तक करने से धन लाभ होता है |
१० परिवार में सुख शांति बनी रहे वैमनस्य न बढ़े इसके लिए दीपावली को एक मिटटी के पात्र में अंगारे तथा जगली कबूतर की बिट को डालकर उसका धुआँ प्रत्येक कमरे में दे ऐसा करने से परिवार में एकता बनी रहती है |
११ दीपावली की रत बहीखाता तिजोरी कलम दवात पूजन के लिए जाने से पहले शुद्ध केसर मिलकर मिठाई दी खा ले इसके पश्चात् ही प्रस्थान करे कार्य सिद्ध होगा |
१२ पीपल के पतो पर पनीर दूध से बना कोई भी मिष्ठान दीपावली की रात पीपल के निचे रख दे कार्य बनेगे |
१३ आप दीपावली की रात्रि में पूजन के समय इक्कीश हकीक के पत्थरो का भी पूजन करे पूजन के बाद उन्हें अपने निवास स्थान में कही भी गाढ़ दे तो आपके निवास में वर्ष भर में माँ लक्ष्मी का स्थाई वास्तु रहेगा
१४ धनतेरस से दीपावली की रात तक निम्न मंत्र का ४१००० जप करे यदि संभव हो तो दीपावली की रत में मंत्र का दशांश हवं कर ले इसके बाद ग्यारह माला नित्य जप करे तो साथक के पास धन का अभाव नहीं रहेगा |
|| ॐ महालक्ष्म्यै च विदमहे विष्णु पत्न्यै च धीमहि तन्नो लक्ष्मी प्रचोदयात ||
१५ दीपावली की रात में ग्यारह माला जप करके मंत्र को सिद्ध कर ले इसके बाद हर रोज रात में ग्यारह माला का जप करे केवल मात्र मात्र ४१ दिन में आर्थिक संकट दूर हो जायगा इसके बाद प्रतिदिन मंत्र का जप करे
|| ॐ श्रीं ह्रीं क्लिं श्रीं महालक्ष्म्यै नमः ||
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दीपावली पूजन के आवश्यक निर्देश
गणेश लक्ष्मी की मुर्तिया खरीदते समय यह अवस्य गणेश जी की सूंढ़ गणेश जी की दायी भुजा की और ही मुढ़ी होनी चाहिए खंडित या अशोभित मुर्तिया न ख़रीदे |
पूजन के समय मुर्तियो को पीठिका पर स्थापित करते समय लक्ष्मी जी को सदैव गणेश जी के दाहिने और ही विराजमान करे बहुत से लोग लक्ष्मी जी को सदैव गणेश जी के बायीं और विराजमान कर देते है यह गलत व् अशुभ फलदायी है |
दीपावली का पूजन सदैव पश्चिमाभिमुख होकर ही करना श्रेष्ट है अतः मुर्तिया पूर्वाभिमुख ही स्थापित करे |
मूर्तियों के समीप जलाया जाने वाला प्रथम दिप (घी का दिप )उत्तराभिमुख रखकर ही प्रज्वलित करे दीपक की लौ उत्तर की और होना चाहिए
प्रतिवर्ष मुर्तिया परिवर्तन श्रेष्ठ नहीं क्युकी लोग प्रति वर्ष मूर्ति परिवर्तन करके पुरानी प्रतिदिन पूजन की गई मूर्तियों को यहां वहा रख देते है क्या मूर्तियों की यह दुर्गति हमारी भावनाओ के अनुरूप है जो हम दीपावली के दिन या पुरे वर्ष उन मूर्तियों के प्रति प्रकट करते है |
मुर्तिया अगर बदलनी कच्ची मिटटी की होनी चाहिए जिन्हे जिन्हे परिवर्तन के समय नदी छील या सरोवर में प्रवित कर दे इस प्रकार मुर्तिया एक बार किसी धातु तांबा मिश्रधातु चांदी (चांदी की सर्वतम ) अथवा सफ़ेद पत्थर की स्थायी रूप से ले लेनी चाहिए और उन्हें हमेशा स्थायी रूप से पूजन हेतु प्रयोग करना चाहिए
दीपावली पर किये जाने वाले हवं में पलाश की लकड़ी का उपयोग सर्वश्रेस्ट होता है |
गृहस्थ लोगो को गणेश लक्ष्मी पूजन सपत्नी करना चाहिए किसी एक को भी अकेले नहीं करना चाहिए |
वयवसायिक प्रतिष्ठानों में श्रेष्ट विद्वान् आचार्य के माध्यम से मालिक को सव्य पूजन करना चाहिए |
पूजा स्थल से मूर्तियों तथा अन्य सामग्री को दतिया के दिन ही उठाना चाहिए उससे पूर्व नहीं प्रतिपदा को भी मुख्य दिप पूजा स्थल पर सायकल प्रज्वलित क्र धुप से मूर्तियों व् कलश को उठाकर स्थायी पूजा स्थल पर रखे अन्य पुष्प आदि को नदी तालाब मर विसर्जित करे | धन्यवाद
चेतावनी- यह लेख केवल शोध कार्य के लिए है इस लेख से होने वाले परिणाम के लिए आप स्वय उत्तरदायी होंगे न की anirudhapandit.in