shavtak ki jad ke fayde in hindi

 shavtak ki jad ke fayde in hindi

अर्क का पौधा परिचय का मोहताज नहीं है यह पौधा तंत्रशास्त्र का एक चिर परिचित दिव्य  चमत्कारी पौधा है इसका प्रयोग सभी अनुष्ठानो में होता  है तंत्र शास्त्र में रक्तार्क के प्रयोग श्वेतार्क की अपेक्षा कम ही प्राप्त होता है श्वेतार्क के प्रयोग सर्वाधिक मात्रा में प्राप्त होते है shavtak ki jad ke fayde in hindi में  खास प्रयोग प्रस्तुत है | 

सभी कार्यो में यश विजय प्राप्ति हेतु :

यदि रवीवार को पुष्य नक्षत्र हो उस दिन पूर्ण विधि से औषधि उत्पाटन के अनुसार श्वेतार्क की जड़ घर लाकर पूजन करे व् गूगल की धुप व्  गौ  घृत का दीपक इत्यादि पूर्ण विधि से संपन्न कर दूध व् पंचामृत स्नान इत्यादि षोडशोपचार विधि से पूजन कर अपने मूल मंत्र से अष्टोत्तर सहस्त्र (१००८ ) जप द्वारा अभिमंत्रित कर पुरुष दाहिने हाथ में और स्त्री बाये हाथ में धारण करे तो सभी कार्यो में यश व् विजय प्राप्त होती है | 

shavtak ki jad ke fayde in hindi


संतान प्राप्ति हेतु :

संतान की इच्छा रखने वाली स्त्री को कमर (कटिभाग ) में श्वेतार्क मूल को बाँधने से इक्छित संतान प्राप्त होती है | 

जगत वशीकरण हेतु :

रवि पुष्य नक्षत्र में श्वेतार्क की जड़ विधिवत ग्रहण कर अजामुत्र से पीसकर वटी बनाकर उसका तिलक लगाने से जगत वशीभूत हो जाता है | 

वशीकरण हेतु :

मंजीठ  मौथा वच श्वतार्क की जड़ व् अपने शरीर का रुधिर इसके बराबर कूट लेकर उसका तिलक मस्तक पर लगाने से शीघ्र ही जगत वशीकरण हो जाता है | 

शत्रु भयभीत करने हेतु :

अर्क धतुरा  बड़  चिता  मूँगा  इनका जो तिलक करता है उसे शत्रु जब देखेगा तो उसे वह ५ गुना बड़ा दिखाई देगा | 

स्त्री सौभाग्यवती हेतु :

श्वेत आक की जड़  गुरु पुष्य नक्षत्र में विधिवत उखाड़ क्र बायीं भुजा में बांधने  से दुर्भगा स्त्री भी सौभाग्यवती हो जाती है | 

शस्त्र निवारण :

भुजदण्ड में स्थित अर्क व् खर्जुरी मुख में स्थित करने से व् कमर के मध्य में केतकी धारण करने से शस्त्रों में निवारण होता है | 

अतितुण्ड  रोग नाशक हेतु :

पुष्य नक्षत्र युक्त रविवार में पूर्ण विधिवत स्वेत अर्क (सफ़ेद आक )की जड़ लाकर घर के खबे में बांधने से बालक का अतितुड रोग दूर होता है | 

व्याधि व् अरिष्ट नाशक हेतु :

रविवार को पुष्य नक्षत्र में सम्पूर्ण विधि से श्वेतार्क मूल उखाड़कर लेन व् विधिवत पूजन कर अरिष्ट शान्ति के मंत्रो से अभिमंत्रित कर भुजा में धारण करने से व्याधि व् अरिष्टों का नाश होता है | 

चूहे दूर करने हेतु :

सफ़ेद आक का दूध कल्माष (कुल्थी )उड़द व् काजी व् तिल इनका चूर्ण बनाकर आक के पत्ते पर रखने से चूहे नष्ट हो जाते है | 

चूहे व् मधुमक्खी का मुख बंधन हेतु :

मघा नक्षत्र में सस्वेत  आक की जड़ मुलेड़ी के साथ शुभ क्षेत्र में स्थापन करे तो मूषक और मधुमक्खी का मुख बंधन हो जाता है | 

खड़मल  नष्ट करने हेतु :

श्वेतार्क की रुई से बनी बत्ती को कड़वे तेल से सयुक्त क्र दीपक में जलाये तो सब खटमल नष्ट हो जाते है | 

सर्पभय निवारण हेतु :

आक करवीर और पनस की जड़ को पीसकर चरणों में लेपन करने से सर्प भय दूर हो जाता है | 

देशांतर में भूतप्रेत पिशाच इत्यादि से रक्षण प्रयोग :

यदि कोई व्यक्ति श्वेतार्क यानि सफ़ेद आक की जड़ को पूर्ण विधिवत ग्रहण करके हाथ में धारण कर देशान्तर में जाये तो भूतप्रेत पिशाच इत्यादि उस सफ़ेद आक की जड़ के प्रभाव से देखने मात्र से भाग जाते है | 

 





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